स्वर:- गुंजन सिंह
(तोरा बिना दुनिया बिरान लागे गोरी रे)2
जियाते शारिर्या है.....।जियाते शारिर्या बेजान लागे गोरी रे
(तोरा बिना दुनिया बिरान लागे गोरी रे)2
न जारा ना तोड़ त नजरिया का होई रे
भूल गईनी तुहि त उमरिया का होई रे
आ......।न जारा ना तोड़ त नजरिया का होई रे
(भूल गईनी तुहि त उमरिया का होई रे)2
जिंदगी अर्थी उमर अ.....। हा.....। जिंदगी अर्थी उमर समसान लागे गोरी रे।
(तोरा बिना दुनिया बिरान लागे गोरी रे)2
जिंदगी बेजान जान जाई तन्हाई से
डर लागे लागल अब त अपना परछाई से
ओ...।जिंदगी बेजान जान जाई तन्हाई से
(डर लागे लागल अब त अपना परछाई से)2
चाहत बीरह के......। है...। चाहत बिरहा के मकान लागे गोरी रे
(तोरा बिना दुनिया बिरान लागे गोरी रे)2
उतरे ना रंग कबो तोहरा सिंगार के
सपना जरा के काजल करीहा तू प्यार के
आ.....।उतरे ना रंग कबो तोहरा सिंगार के
सपना जरा के काजल करीहा तू प्यार के
भटकत गुंजन के ए.......। है....। भटकत गुंजन के पहचान लागे गोरी रे
(तोरा बिना दुनिया बिरान लागे गोरी रे)2

